केजरीवाल पर शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस चलेगा:ED को गृह मंत्रालय ने मंजूरी दी, दिल्ली चुनाव से 20 दिन पहले फैसला

गृह मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस चलाने की मंजूरी दे दी है। इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) विनय सक्सेना ने भी इस केस को मंजूरी दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकारी कर्मचारियों पर मुकदमा चलाने के लिए सरकार की अनुमति जरूरी है, इसलिए ED को यह मंजूरी लेनी पड़ी। ED ने पिछले साल शराब नीति घोटाले में केजरीवाल को आरोपी बनाते हुए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
यह मंजूरी ऐसे समय पर दी गई है, जब दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और नतीजे 8 फरवरी को आएंगे।
AAP का सवाल: चुनाव से पहले मंजूरी क्यों?
AAP की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने सवाल उठाया कि जब चार्जशीट 2 साल पहले दाखिल हो चुकी थी, तो चुनाव से ठीक पहले मुकदमा चलाने की मंजूरी क्यों दी गई? उन्होंने इसे राजनीति से प्रेरित कदम बताया और कहा कि जनता अब इन बातों को समझ चुकी है।
शराब नीति केस: क्या हुआ अब तक?
- ED ने इस केस में 7वीं चार्जशीट ट्रायल कोर्ट में दायर की थी। कोर्ट ने 9 जुलाई को कहा था कि केस चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।
- केजरीवाल ने कोर्ट के इस आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
- सुप्रीम कोर्ट ने 6 नवंबर को फैसला दिया कि सरकारी कर्मचारियों पर मुकदमा चलाने के लिए सरकार की अनुमति जरूरी है।
- इसके बाद ED ने LG से अनुमति मांगी, जो 11 जनवरी को दी गई।
केजरीवाल का जेल में समय अरविंद केजरीवाल को ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। 1 अप्रैल को उन्हें तिहाड़ जेल भेजा गया। वे कुल 156 दिन जेल में रहे। 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट से उन्हें जमानत मिली।