ट्रम्प का बयान: H1B वीजा जारी रहेगा, अमेरिका को टैलेंट की आवश्यकता; अगले महीने मोदी-ट्रम्प की मुलाकात संभावित

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को भारतीयों के लिए H-1B वीजा को लेकर बड़ी राहत की घोषणा की। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रम्प ने कहा कि H-1B वीजा बंद नहीं होगा, क्योंकि अमेरिका को टैलेंट की आवश्यकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका को केवल इंजीनियर ही नहीं, बल्कि अन्य क्षेत्रों के बेहतरीन पेशेवरों की भी जरूरत है, जो अमेरिकियों को ट्रेनिंग भी दे सकते हैं।

H-1B वीजा पर चल रही बहस के संबंध में पूछे गए सवाल पर ट्रम्प ने कहा, “मैं इस बहस के पक्ष-विपक्ष को समझता हूं। फिलहाल अमेरिका को जिस प्रतिभा की जरूरत है, वह इस वीजा प्रोग्राम के जरिए ही मिल सकती है।” इस हाई-स्किल वीजा के लिए भारत के पेशेवरों का दबदबा है। 2024 में जारी कुल 2.8 लाख H-1B वीजा में से करीब 2 लाख भारतीयों को मिले थे।

इसके अलावा, अगले महीने वॉशिंगटन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रम्प के बीच मुलाकात संभावित है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत और अमेरिका के राजनयिक इस बैठक के लिए तैयारियां कर रहे हैं। द्विपक्षीय बैठकों का सिलसिला जारी है।

H-1B वीजा क्या है?
H-1B एक नॉन-इमीग्रेंट वीजा है, जिसके तहत अमेरिकी कंपनियां खास तकनीकी दक्षता वाले पदों पर विदेशी पेशेवरों की नियुक्ति कर सकती हैं। इस वीजा का उपयोग टेक्नोलॉजी सेक्टर की कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हजारों पेशेवरों को हर साल नियुक्त करने के लिए करती हैं।

यह वीजा आमतौर पर विशेष पेशे (जैसे- IT प्रोफेशनल, आर्किटेक्ट, हेल्थ प्रोफेशनल आदि) से जुड़े लोगों को दिया जाता है। ऐसे पेशेवरों को यह वीजा मिलता है, जिन्हें अमेरिकी कंपनियों से जॉब ऑफर प्राप्त होता है। हालांकि, यह वीजा पूरी तरह से एम्प्लॉयर पर निर्भर करता है। यदि एम्प्लॉयर नौकरी से निकाल दे और दूसरा जॉब ऑफर न मिले, तो वीजा की वैधता समाप्त हो जाती है।

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